About सेलिब्रिटी गॉसिप
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“एक बूढ़ा आदमी आज खुश है, वह किसी भी चीज के बारे में शिकायत नहीं करता है, मुस्कुराता है, और यहां तक कि उसका चेहरा भी ताजा हो जाता है।”
चिंता का यह कीड़ा उसे लगातार काटे जा रहा था जल्द ही वह सूखने लगा और एक दिन वह गुठली और छिलका के रूप में ही बस रह गया, उसके अंदर का सारा रस समाप्त हो गया था।
” “आप बहुत बड़े हैं और तुम पेड़ों पर झूल नहीं सकते जैसा कि मैं करता हूं। तो मैं तुम्हारा दोस्त नहीं हो सकता ”, बंदर ने कहा।
"हाँ, मैं प्रधानमंत्री हूँ', शास्त्रीजी ने बड़ी शांति से जवाब दिया- 'पर इसका अर्थ यह तो नहीं कि जो चीजें मैं खरीद नहीं सकता, वह भेंट में लेकर अपनी पत्नी को पहनाऊँ। भाई, मैं प्रधानमंत्री हूँ पर हूँ तो गरीब ही। आप मुझे सस्ते दाम की साड़ियां ही दिखलाएँ। मैं तो अपनी हैसियत की साड़ियाँ ही खरीदना चाहता हूँ।"
पेंड पर बैठा उल्लू हंस हंसिनी की इन बातों को सुन रहा था।
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"चौकीदार ने सारी बातें बता दीं। शास्त्री जी ने कहा, "क्या तुम देख नहीं रहे हो कि more info उनके सिर पर कितना बोझ है?यदि यह निकट के मार्ग से जाना चाहती हैं तो तुम्हें क्या आपत्ति है? जाने क्यों नहीं देते? जहाँ सहृदयता हो, दूसरों के प्रति सम्मान भाव हो, वहाँ सारी औपचारिकताएँ एक तरफ रख कर वही करना चाहिए जो कर्तव्य की परिधि में आता है।"
एक समय की बात है सुबह-सुबह एक गरीब व्यक्ति राजा के दरबार में पहुँचता है। और राजा को अपनी गरीबी की करुण गाथा बताने लगता है। राजा को उस व्यक्ति की दरिद्रा की कहानी सुनकर बहुत ही ज्यादा दुःख होता है और उस व्यक्ति के लिए दया आ जाती है।
'क्यों साहब? हमें यह अधिकार है कि हम अपने प्रधानमंत्री को भेंट दें', मिल मालिक अधिकार जताता हुआ कहने लगा।
अपने भाई को कर्ज से मुक्त कराने के लिए गाँधी जी ने अपना सोने का कड़ा बेंच दिया और उसके पैसे अपने भाई को दे दिए.
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बुद्धिमान व्यक्ति मुस्कुराया और बोला:
विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है.
उसने गुरूजी से कहा – गुरूजी, मै इतने समय से आपसे ज्ञान अर्जित कर रहा हूँ आपके साथ रहकर कितना कुछ ज्ञान की बातें सीखा है मैने फिर भी आप मेरे सवालों का ऐसा उत्तर दे रहे हैं, आपके इस उत्तर ने मुझे अत्यंत दुःख पहुंचाया है।